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Happy International Women's Day.. Women constitute half the humanity and this half of humanity is deprived of opportunity, how can a nation progress ? Note - I wrote this poem in 8th standard (2012) for "Kavyanjali" event. बेटियाँ   बेटी के जन्म पर कोई रोता है , बेटा हो जाए तो जग चैन से सोता है। (2x) बेटी बड़ी हो जाये तो पाबंदियाँ लग जाती है, बेटे के सामने सारी दुनियाँ झुक जाती है । बेटी बनकर जन्म लेना क्या  पाप है इस जग में ? बेटे के लिए क्या सात खून भी माफ़ है इस जग में ? हर दुःख सहती सिसकती है बेटियाँ, काँटों की सेज पर सोती है बेटियाँ, बंधे है हाथ उनकी रीतियों की जंजीरों से, घुट-घुट कर साँस लेकर जीती है बेटियाँ। संस्कारों के फूल लेकर ससुराल जाती है, रिश्तों के आँच पर खुद को झुलसाती है, दूसरों की ख़ुशी देख कर मुस्कुराती है बेटियाँ, प्यार के आस में सदा जीवन बिताती है बेटियाँ।  कुछ बंधन ससुराल का, कुछ पीहर की चाह, बेटी को ही करना पड़े दोनों का निर्वाह। आँगन में चहकती महकती है बेटियाँ, सब के मन को बाँध कर रखती है बेटियाँ ।  न जाने क्यों फिर भी लगाते बं...